मक्का हरम शरीफ से एक दर्द भरी अपील

 मक्का हरम शरीफ से एक दर्द भरी अपील🙏🏻🙏🏻🙏🏻





अस्सलाम व अलैकुम

 शब्बे कद्र करीब है मस्जिद कमिटी के ऐलान से पहेले चंदा जमा करें रमज़ान के खरेदी के बजट में सब से पहले मस्जिद के चंदे को अहेमियत दें ये बात जहेन मे रखें के ये उलेमा कि जमात हाफिज सहाब लोग कहि पर लोन नहि लेते ब्याज से पैसे नहि निकालते और इनकि इतनी कम तनख्वाह रहेती के कोई बैंक लोन भी नहि देती (वैसा तो ये लोन लेते भी नहि) मगर फिर भी इनका भी अपने जैसा संसार खानदान मां बाप भाई बहेन बिवी बच्चे होते किराये के मकान गैस सिलेंडर लाईट बिल किराणा दवाखाना सफर आना जाना प्रोग्रामों मे शिरकत करना कपड़े लत्ता तरकारी भाजी दुध जरूरीयाते जिदंगी और कमर तोड़ मंहगाई साल में एक हि मौका जो कुछ बजेट हाथ लगा तो साल तो गुज़र नहि सकता फिर भी एक हिम्मत रहेती के इतना अमाउंट है वैसे तो हम सब का इमान अल्लाह पर और उसके मदत पर होता है पैसा हि सब कुछ नहि लेकिन फिर भी एक ज़रीया है जो सब को ज़रुरी है मेरी खुद कि अपनी राय हमारे औसा शहर में प्यारे  दिन इस्लाम कि फलाह और बहेबुद( तरक्की) के लिए कौशिश करनेवाली दिन के लाईन से मज़बूत मगर माली हालत से कमज़ोर जमात कि भरपूर मदत करें कम से कम दो हज़ार रुपये शब्बेकद्र का अतिया लेकर जमा करे हमने पुरे रमज़ान मे एक वक्त के इफ्तार का खर्च आखरी दरजे मे 500 किया है डेली तो 1000 से उपर होता होगा ये अल्लाह का हम पर फज़ल है ऐसा ही हम दिल खोलकर अतिया जमा करें 


देखो भाई इमान से दिन से मोहब्बत की बात है अपने ईद के कपड़े खरेदी मे एक बड़ी रुमाल और ईतर कि बाटल अपने मस्जिद के ईमाम साब मौजन साब को अपने तरफ़ से सब के सामने जा के शबेकद्र कि नमाज के पहेले जो छोटा प्रोग्राम होता उस मे दें उनकी हिम्मत अफ़जाई करें आप के घर के छोटे बच्चे जब ये सब काम देखेंगें तो इनको भी दिन पर खर्च करने का ज़जबा पैदा होगा भाईयों माल का सहि जगहा लगना भी बडे कमाल की चिज़ है शौतान के बहेकावे मे मत आव उलमाओं कि गलतीयां और कमी तलाश न करो अल्लाह कि मार जो हमे पढरहि है ना इनकि ना कदरी और इनकि गिबत रोजे के मुंह से कुर्सी गरम करते बैठकर उलमाओं के चुगलीयां करने से होरी कभी ओ भी मंजर याद करो आप के मांसुम बच्चे बिमार हैं आप फौरन मौलसाब दुआ पढो मौलसाब दुआ करो या फिर कुछ परेशानी चलरहि है आप कहेते है मौलाना दुआ करो किसी कि मय्यत हुई मोहल्ले के पेशमाम साब सब से पहेले हाज़िर तदफिन नमाजे जनाजा सब आगे बढकर पुरा करने वाला बंदा सालभर आप के लिए दुआऐं करने वाला आप कुछ भी कहो आप से मोहब्बत से आजजी से मिलने वाला एक नेक अल्लाह का बंदा साल मे सिर्फ एक बार शब्बेकद्र के अतिए के लिए मुस्तहिक है

अल्हम्दुलिल्लाह मै 

 

 फिलहाल हरम शरिफ में हाज़िर हुं सारी मसरुफ़ियत के बावजूद एक दर्द है उलमाओं के लिए दिल मे मै खुद जामिया इस्लामिया अक्कलकुवा से बि एड कि तालिम लिया हुं इनके मुजाहेदे को मेहनत को भुक को बहोत करीब से देखा हुं प्यारे दिनी भाईयों आगे बढो और दिल खोलकर अतिया जमा कराव इनके शबेकद्र के बडे बडे सत्कार करो रुमाल टोपी अच्छे कालेटि के इतर तौहफे मे दो आखरी दर्जें से बेहतर जादा रक्कम अतिया जमा कराव दुआ करने वालों कि दुआऐं लो 

अल्लाह हाफिज


मजहर पटेल अलमलेकर

एम ए एम एड जामिया इस्लामिया इशातुलउलूम अक्कलकुवा

प्राचार्य जुलेखा उर्दू डी एड कालेज अफसर नगर औसा

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