इन्सानियत को जिंदा रखने के लिए तालीम जरूरी है यौमे- ख्वातीन के मौके पर नजीर मुन्शी का इजहारे खयाल

 इन्सानियत को जिंदा रखने के लिए तालीम जरूरी है

यौमे- ख्वातीन के मौके पर नजीर मुन्शी का इजहारे खयाल






 सोलापूर -हमारा  शरीयत , हमारा भारतीय संविधान ने औरतों को आला से आला  तालीम हासील करने के हुकूक दिए हैं , अगर इस पर हमारा अमल हो जाए तो समाज का विकास , औरतो की तरक्की व खुशहाली हमें नजर आएगी, और राष्ट्र के उन्नती मे औरतो का अहम रोल रहेगा , शर्त ये है के हम तालीम बराए इन्सानीयत हासील करें , इस किस्म का बयान नूर सोशल वेल्फेअर ट्रस्ट के सदर नजीर मुन्शी ने सोशात कॉलेज मे हुवे " यौमे- ख्वातीन " के मौके पर दिया , सदरे जलसा पिन्सी पल इ. जा . तांबोळी थे

नूर सोशल ट्रस्ट के सदर नजीर मुन्शी साहब ने  सोशल के गरीब -होनहार, जरुरतमंद बच्चों को ट्रस्ट की जानीब से हर मुमकीन मदद करने की ग्वाही दी 

 इस मौके पर स्टेज पर नगरसेविका वाहिदा भंडाले , प्रा डॉ. न .भा. काकडे ,डॉ.दीपक नारायणकर डॉ ए ए गढवाल मौजूद थे , मेहमानौ का . इस्तकबाल   डॉ.ए ए गढवाल ने किया, ,प्रास्ताविक प्रा. राईसा मिर्झा ने किया शुकीया खानसा मुछाले अदा किया तो नजामत  प्रा  डॉ निकहत शेख ने किया

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