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🌹 अस्सलामु अलैकुम
🔶 माहे रमजान मुबारक 🔶
अब रमजान का दूसरा अशरा शुरू हो चुका है हर रोज़दार पर अल्लाह अपनी रहमत - खास नाजील फरमाएगा०
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दोस्तो!
एक काफीला सफर कर रहा था इस बीच उन्हे एक अंधेरी सुरंग से गुजरना पडा....
इस वक्त इन मुसाफीरों के पैरों में कंकरीया चुभी कुछ लोगों ने इसे बाजू किया कुछ लोगों ने अपने जेब मे डाल लिया ताके दूसरे को तकलीफ ना हों० कुछ लोगों ने ज्यादा कंकरीया जेब मे भर लिए तो कुछ लोगों ने कम ....
जब इस अंधेरी सुरंग का सफर खत्म हुवा तो मुसाफीरों ने देखा के ये तो
" हिरे " हैं जिन्होंने बिल्कुल नहीं उठाए वो बहूत पछताने लगे और जिन्होंने थोडे चुन लिए थे वो भी पछतावे मे पड गए ०
दुनियां मे जिंदगी की मिसाल इस अंधेरी सुरंग की तरह है और नेकीयाँ उन कंकरीयों की तरह ..... जिस की किंमत आखेरत मे हिरे से बढ कर हो गयी और इन्सान सोचेगा और पछताएगा के मैं और ज्यादा नेकीयां की होतीं.......
दोस्तो!
माहे रमजान नेकीयां बटोरने का महिना है... . रहमतें समेटने का वक्त है ये बेहतरीन मौका है क्यों ना हम इस का फायदा उठाएं
🔸 माहे रमजान मे मांगी जाने की दुआ मे मुझ ना - चिज़ को भी जरूर याद किजीये यही दुआ की दरख्वास्त है ०
इस मुकद्दस महिने मे की जाने वाली इबादतों और मांगी जाने वाली दुवाओं को अल्लाह अपने हबीब पाक (स्व) के सदके मे कुबूल फरमाए आमीन ०
◼ Ramzan Mubark◼
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AYYUB NALLAMANDU
Editor KASID solapur. Ms.
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